देवनागरी एक भारतीय लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं। यह बायें से दायें हिन्दी अक्षर-माला लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे ‘शिरोरेखा’ कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, डोगरी, खस, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली भाषाएँ), तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी बघेली आदि भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी हिन्दी अक्षर-माला देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएँ भी देवनागरी हिन्दी अक्षर-माला में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त हिन्दी अक्षर-माला लिपियों में से एक है। यह दक्षिण एशिया की अधिक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त हो रही है।
हिन्दी अक्षर-माला
हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानीहिन्दी अक्षर-माला शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे ‘भारतीय उपशाखा’ भी हिन्दी अक्षर-माला कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँहिन्दी अक्षर-माला संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य हिन्दी अक्षर-माला भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के ‘घ’, ‘ध’ और ‘फ’ जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य हिन्दी अक्षर-माला शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं : संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि।